भोजपुरी जन जागरण अभियान के १३ वां धरना सफलतापूर्वक पुरा

राजेश कुमार
भारत १७ फागुन,
“मुकद्दर खातिर सिकंदर हमनी के बने पड़ी । जवन हक बा आपन ओकरा खातिर लड़े पड़ी । “
शुतुरमुर्ग लेखा समस्या आ दुश्मन देख के बालू में माथा (सिर) छिपइला से ना अधिकार मिली ना हक । माने आपन हक, अधिकार, सम्मान खातिर खड़ा होखे,लड़े पड़ेला आ कबो कबो त आपन अधिकार छिनहू पड़ेला ।
गत २१ फरवरी, २०२० जवन कि अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनावल गइल ।ओह दिन भोजपुरी भाषा भाषी, साहित्यकार, कवि, पत्रकार, रंगकर्मी आ गायक लोगन से दिल्ली के जंतर–मंतर भर गइल रहे । का एगो त मातृभाषा दिवस, दूसरका भोजपुरी समेत घड गो क्षेत्रीय भाषा के भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करावे खातिर भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल जी के नेतृत्व में आ राजेश भोजपुरिया जी के संयोजकता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के सफल आयोजन ।
एह धरना प्रदर्शन में दिल्ली समेत देश–विदेश के हरेक कोना से अलग–अलग भाषा भाषी लोग भाग लेलन ।
एह धरना के अध्यक्षता भोजपुरी विद्वान श्री रामपुकार सिंह आ जोगा सिंह ’विर्क ’ संयुक्त रूप से कइनी । जवना में भोजपुरी, अंगिका, बंजारा, बज्जिका, भोटी, मगही, राजस्थानी, भोटिया, बुंदेलखंडी, ढटकी, छत्तीसगढीÞ, कोसली, गढ़वाली, गोंडी, गुज्जरी, हो, कच्छी, कमतापुरी, कारबी, खासी, कोड़वा, मिजो, लेपचा, लिंबु, मुंडरी, नागपुरी, निकोबारस, पहाड़ी(हिमाचली), पाली, शौरसेनी, सिरैकी, टेनपिडी, तुलु भाषा के बोले वाला लोगन के हुजूम टूट पड़ल रहे ।
आपन अध्यक्षीय भाषण में रामपुकार सिंह जी कहनी कि आवे वाला २०२१ के जनगणना जवन कि भारत सरकार द्वारा मई, २०२० से शुरू हो रहल बा वो में हमनी के कर्तव्य बनता कि आपन मातृभाषा भोजपुरी के जरूर लिखवावल जाव । दूसरा तरफ ’क्लीयर’संस्था के अध्यक्ष श्री जोगा सिंह ’विर्क ’ जी आपन बात रखत कहनी कि ’बड़ी दुख के बात बा कि आपन मातृभाषा के संवैधानिक दर्जा खातिर हमनी के धरना प्रदर्शन करे पड़ता । मातृभाषा त देश के संस्कृति होली, इनका के त स्वाभाविक रूप से संविधान में मान्यता मिल जाये के चाहीं ।’
ओइजे विश्व भोजपुरी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव, ’भोजपुरिया अमन’ पत्रिका के प्रधान संपादक आ भोजपुरी जन जागरण अभियान के संरक्षक डा. जनार्दन सिंह आपन क्रांतिकारी वक्तव्य में कहनी कि ’भोजपुरी में आपन लिपि, व्याकरण, साहित्य, संस्कृति सब कुछ भरल बा । कवनो भाषा से भोजपुरी कवनो मामला में कम नइखी । ई खाली राजनीतिक दांव–पेंच के तहत दबावल जा रहल बाड़ी ।
भोजपुरी में राजनीतिक आ सामाजिक चेतना भरल बा । बाकिर भोजपुरी के बदौलत बनल सांसद ही नइखन चाहत कि भोजपुरी आठवीं अनुसूची में शामिल होखस । इहाँ के कहनी कि संसद में खाली ई कह देला से कि भोजपुरी के मान्यता मिले से काम ना चली । संसद में भोजपुरी खातिर हकड़ के (जोरदार ढ़ग से) आवाजÞ उठावे के जरूरत बा । आ नइखे होखत त आपन पद से इस्तीफा दे दीं । काहे कि अगर भोजपुरिया हकड़ी त आपन स्वाभिमान खातिर लात मार दी आपन पद से । हकड़ला के मतलब इ होला । ’
आपन ककनूसी जज्बा के परिचय देत लगातार तेरहवाँ धरना प्रदर्शन के आयोजनकर्ता आ भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष पटेल जी कहनी कि ’भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता के माँग वर्षों पुरान बा । पच्चीस करोड़ लोगन के भाषा भोजपुरी के मा‘रिशस आ नेपाल में संवैधानिक मान्यता प्राप्त बा । बाकिर इ दुर्भाग्य के बात बा कि भारत में भोजपुरी राजनीति के शिकार बनल बाड़ी । उहाँ के केंद्र सरकार से मांग कइनी कि भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल कइल जाव ।
काहे कि इ देश के जमीनी भाषा बाड़ी । सुप्रसिद्ध आलोचक श्री जय प्रकाश फाकिर जी कहनी कि, ’भोजपुरी श्रमिक लोगन के भाषा हई,जवना में अथाह शब्द भंडार बा । सबसे अधिक श्रम से जुड़ल शब्दन के भंडार । एह से भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता मिले । ’ इ भोजपुरी जन जागरण अभियान के तरफ से आयोजित तेरहवाँ धरना प्रदर्शन रहे ।
एह में पश्चिम बंगाल से सर्व श्री रामपुकार सिंह, झारखंड से राजेश भोजपुरिया, बिहार से अभिषेक भोजपुरिया, फाकिर जय, संतोष कुमार यादव, मनोज कुमार सिंह, देवेन्द्र कुमार, वीणा वादिनी चौबे, रामशरण यादव, धनंजय कुमार सिंह, प्रमेंद्र सिंह, मुकुल श्रीवास्तव, राकेश कुमार सिंह, बबीता पांडेय, गंगाराम चौधरी, लाल बिहारी लाल, शशिधर मेहता, साकेत साहु, अमिताभ समेत अनेक गणमान्य लोग भाग लेनीं ।
भोजपुरी हमनी के मतारी भाषा बाड़ी । आ हमनी के कर्तव्य बनत बा कि इनकर संवैधानिक मान्यता दिला के इनके कर्ज से मुक्त होखी जा । दूसर बात भाषा मानव के द्वारा मानव खातिर देल बहुत बड़ उपहार बा । भोजपुरी जन जागरण अभियान के महानता एह बात में बा कि द्दज्ञ फरवरी के देश के लगभग सब मातृभाषा के संगठित क के संवैधानिक दर्जा खातिर आ उनकर सम्मान खातिर जंतर–मंतर, दिल्ली प एकत्रित कइलस ।
जेअपना माई के सम्मान दी, उहे दूसरो के माई–बहिन के भी सम्मान खातिर सोच सकेला । हम एह खातिर श्री संतोष पटेल जी, जनार्दन सिंह जी, राजेश भोजपुरिया जी के प्रति आभार व्यक्त करत बानी ।






