बारा के निजी विद्यालय कर के दायरा बाहर

बारा के निजी विद्यालय कर के दायरा बाहर

बारा ०५ फागुन

इहाँ सञ्चालित निजी विद्यालय दर्ता हि ना करके चलावल मिलल बा । स्थानीय तह मे धरौटी जम्मा करके विद्यालय दर्ता करके आन्तरिक राजस्व कार्यालय से प्यान नम्बर लेके विद्यालय सञ्चालन करेके कानुनी व्यवस्था बा । माकिर, इहाँ सञ्चालित बहुते निजी विद्यालयल दर्ता हि ना करके चलल बा । तिन विद्यालय हरेक बरीस किलास भी ‘अपग्रेड’ करत आईल बा ।

‘ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश निजी विद्यालय कर के दायरा बाहर बा,’ आन्तरिक राजस्व कार्यालय सिमरा के प्रमुख रामकुमार खतिवडा कहनी, ‘बिनादर्ता सञ्चालित विद्यालय उपर स्थानीय तह अंकुश लगावे भी सकल नईखे ।’

व्यक्तिगत मुनाफा के खातिर सञ्चालन मे लियावल गईल विद्यालय दु किसिम के रहल उ बतवनी । ‘पहिलका, दर्ता ना करके सञ्चालन करी आ दोसर दर्ता करके प्यान नम्बर ना लेके कर के दायरा उल्लंघन करेवाला भी ओतने बाडन,’ उ कहन ि। दर्ताबिना के अवैध विद्यालय बन्द कराके कर के दायरा मे लियावेके आ दर्ता करके भी कर के दायरा मे ना आईल विद्यालय खारेज करे खातिर स्थानीय तह लगायत शिक्षा विकास समन्वय इकाइ तईयार होखेके उ बतवनी ।

विद्यालय दर्ता के खातिर धरौटीबाहेक न्यूनतम १ से अधिकतम ३९ प्रतिशत तक सामाजिक सुरक्षा कर, घर बहाल कर आ मुनाफा के २५ प्रतिशत कर तिरेके कानुनी व्यवस्था रहल राजस्व प्रमुख खतिवडा बतवनी । ‘कर तिरे खातिर विद्यालयसब स्थानीय तह मे दर्ता हि नईखे । दर्ता करे खातिर स्थानीय तह से कडाइ भी कईले नईखन,’ उ कहनी, ‘दर्ता कईला के बाद मात्र करके खातिर प्यान नम्बर लेवेके व्यवस्था बा ।’ दर्ता ना भईला से ओईसन विद्यालय कर के दायरा से बाहर रहल उ स्विकार कईलन ।

जिल्ला मे सञ्चालित अवैध विद्यालय के बन्द करावे खातिर निजी विद्यालय हकहित के पेसागत व्यवसायी संगठन प्याब्सन आ नेसनल प्याब्ससन स्थानीय तह से शिक्षा विकास आ स्थानीय प्रशासन के बेर–बेर दबाब देत आईल बाडन । माकिर, हमनीसब के दबाब से भी काम ना कईल नेसनल प्याब्सन के जिल्ला अध्यक्ष प्रभुलाल कुशवाहा बतवनी ।

‘सम्बन्धित निकाय लगाम लगावे सकल नईखे,’ कहत उ, ‘पहल करेके, माग करेके, दबाब देत रहेके हमनी के खातिर सामान्य बात भईल बा ।’ कैयन विद्यालय किलास ३ तक के अनुमति लेके १० किलास तक पढावेके आ एसईई परीक्षा सामुदायिक विद्यालय से दिला रहल उ बतवनी । उनका मुताविक व्यावसायिक संगठन मे १ सय ४० विद्यालय आबद्ध भईला पर भी कर के दायरा मे ना आईल आ बिनादर्ता सञ्चालित विद्यालय के संख्या जिल्ला मे सय के हाराहारी मे रहल बा ।

स्थानीय तह आ शिक्षा विकास समन्वय इकाइ कार्यालय अनुगमन करके कडाइ ना कईला से अनुमतिबिना के प्रावि, निमावि आ मावि तह के निजी विद्यालय निर्बाध सञ्चालन मे रहल नेसनल प्याब्सन के जिल्ला अध्यक्ष कुशवाहा बतवनी ।

‘ओईसन विद्यालय सहरी क्षेत्र मे कम आ ग्रामीण क्षेत्र मे बेसी बा,’ कहत उ, ‘स्थानीय तह के पदाधिकारी के मिलीभगत मे ओईसन विद्यालय सञ्चालित बा ।’ कैयन पालिका शिक्षा सम्बन्धी ऐन आ कानुन भी बनावे ना सकल कलैया उपमहानगरपालिका शिक्षा शाखा प्रमुख प्रह्लाद वर्णवाल तवनी ।

विद्यालय अनुगमन करके कारबाही के खातिर स्थानीय तह के दबाब देवेके काम हो रहल शिक्षा विकास तथा समन्वय इकाइ प्रमुख श्यामकिशोरप्रसाद साह बतवनी । ‘कारबाही करेके÷ना करेके स्थानीय तह के बात ह,’ कहत उ, ‘हमनी त कानुनविपरीत सञ्चालित विद्यालयबारे अनुगमन करके जानकारी देवेके मात्र ह ।’ उल्था ईकान्तिपुर

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