बलात्कार मुद्दामा सन्दीप लामिछाने के मिलल सफाइ
बलात्कार मुद्दामा सन्दीप लामिछाने के मिलल सफाइ

काठमाण्डु ०२ जेठ
क्रिकेटर सन्दीप लामिछाने बलात्कार के मुद्दा मे सफाइ मिलल बा । उच्च अदालत, पाटन के न्यायाधीशद्धय सुदर्शनदेव भट्ट आ अञ्जु उप्रेती ढकाल के इजलास से जिल्ला अदालत, काठमाण्डु के फैसला उल्टावत सन्दीप के सफाइ देहल प्रवक्ता विमल पराजुली जानकारी देहनी । ‘जिल्ला अदालत जउन फैसला कईले रहे, उ पूर्ण रुप मे उल्टल बा’ कहत उ, ‘सन्दीप के पूर्ण रुप मे सफाइ मिलल बा ।’
जिल्ला अदालत काठमाण्डु १३ पुस, २०८० मे लामिछाने के बलात्कार के मुद्दा मे दोषी ठहर करत उनका के ८ बरीस जेल सजाय के फैसला सुनवले रहे ।
भादो २०७९ मे सिनामंगलस्थित एक होटल मे राख के बलात्कार कईल लामिछाने विरुद्ध पीडित (गौशला २६) २१ भादो मे जाहेरी देहले रहनी । बन्द प्रशिक्षण मे रहल सन्दीप ताहाचलस्थित हायात प्यालेस होटल से निकलके गौशाला २६ के नगरकोट लेगईल रहलन । उहाँ से फिर्ता आके सिनामंगलस्थित एक होटल मे रहल रहलन । उहें बलात्कार कईल पीडित बतवले रहली ।
उजुरी परला पर क्रिकेट खेल के समय मे विदेश मे रहल सन्दीप नेपाल ना अईला के बाद पुलीस इन्टरपोल मे डिफ्युजन नोटिस जारी कईलख । २० कुवार मे नेपाल आईल सन्दीप विमानस्थल से पकडाईल रहलन, जिल्ला पुर्पक्ष के खातिर थुना मे पठईलख । माकिर उच्च अदालत, पाटन २९ पुष मे २० लाख धरौटी मे छोडलख ।
उ समय उच्च विदेश जाएमे रोक लगवले रहे, माकिर सर्वोच्च अदालत उच्च के उ बन्देजात्मक व्यवस्था फुकुवा कईला के बाद उ नेपाल बाहर जाके अन्तराष्ट्रिय क्रिकेट भी खेललन ।
जिल्ला अदालत दोषी ठहर करत जेल सजाय सुनईला के बाद सन्दीप नेपाल से ना खेललन । लम्हर सुनुवाइ प्रक्रिया पूरा कईला के बाद जिल्ला अदालत १३ पुस २०८० मे सन्दीप के दोषी ठहर कईले रहे ।
न्यायाधीश शिशिरराज ढकाल के इजलास से पीडित के दाजु से देहल जाहेरी दर्खास्त, सन्दिप लामिछाने के बयान, अनेकन आदमीसब के घटना विवरण कागज, उलोग के बकपत्र लगायत सीसीटीभी फुटेज से सन्दीप दोषी देखल गईल निष्कर्ष निकलले रहे ।
नगरकोट गईल से सिनामंगल के होटल मे एके गो कोठरी मे रहल स्वीकार कईल सन्दीप बलात्कार आरोप अस्वीकार कईले रहलन । पीडित खुद उपर बलात्कार भईल कहल आ उ दिन सन्दिप के क्रियाकलाप समेत के विचार कईला पर सन्दिप आ गौशाला २६ के विच मे करणी भईल देखल गईल कहत जिल्ला अदालत ओकरा के सहमति के कहे ना मिलेके निष्कर्ष निकलले रहे ।
यद्यपि न्यायाधीश ढकाल पीडित के नाबालिका कहे ना मिलेके राय लिखले रहे । घटना के दिन पीडित के उमिर १८ बरीस पुगल कहत उ नाबालिका बलात्कार स्वीकार ना कईलन ।
आरोपपत्र मे पीडित १६ बरीस से बेसी के, माकिर १८ बरीस से निचेके किशोरी भईला से १० बरीस से १२ बरीस तक के सजाय होखेके माग दाबी रहे । न्यायाधीश ढकाल पीडित के नाबालिका कहे ना मिलेके ठहर सहित सन्दीप के ८ बरीस जेल सजाय सुनवलख ।
पीडित गौशला २६ के ५ लाख रोपेया क्षतिपूर्ति भरावेके भी आदेश देहले रहे । उ विरुद्ध सन्दीप से डालल पुनरावेदन मे उच्च अदालत उनका के सफाई देहले बा ।






