४० साल के भईल बीजेपी, जनता पार्टी टुटला के बाद अटल रखले रहलन आधारशिला

रतन गुप्ता , सुनौली नेपाल

६ अप्रैल १९८० के दिन अटल विहारी भाजपयी भारतीय जनता पार्टी के गठन कइलन । मतलब बीजेपी अब ४० बरीस के हो गईल ।

ई उमिर तक आवत–आवत बिजेपी उचाई छु रहल जइसन लागत बा । अईसन पार्टी जवन ३० वरिस के उमिर के बाद फुन्गी पर पहुँचल शुरु कइले बा । उमिर के ई पडाव पर उ जोश, जाँगर, उर्जा आ उम्मीदन से भरल लागत बा ।

६ अप्रैल १९८० मे अटल जी जनता पार्टी के टुटला के बाद दिल्ली मे एकर स्थापना कइले रहलन । तवना बेर से बीजेपी एक लम्बा आ सफलता से भरल यात्रा पुरा कइले बा । केन्द्र मे जहवा बीजेपी के अगुवाई वाला मजबुत एनडीए सरकार बा, उहवाँ १८ राज्य मे ओकर सरकार बा ।

कहवाँ बा इ पार्टी के जड
भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक वेबसाईट मे पार्टी के इतिहास लिखल बा कि विजेपी संघ परिवार के मुख्य सदस्य ह । जवन राष्ट्रिय स्वंय सेवक संघ के विचारधारा के साथ पोशा आवत बाटे । मतलब पार्टी के जड संघ से जुडल बा । जवन समय के साथ देश के सबसे मजबुत पार्टी बन गईल बा । जवन देश मे करिब ६० हजार शाखा के साथ अपना के चलावत बा ।

भारतीय जनसंघ से का नाता बा बीजेपी के ?
मतलब के देश के आजादी के बाद संघ के सहजोग से भारतीय जनसंघ के जनम भईल रहे । एकरा के भारतीय जनसंघ के रुप मे जानल जात रहे । एकर स्थापना श्याम प्रसाद मुर्खजी १९५१ मे कईले रहलन । ई सबसे पहिले लोकसभा के चुनाव लडल रहे । ओमे पार्टी के ३ गो सिट मिलल रहे ।

१९७७ के चुवाव मे जनसंघ जनता पार्टी मे विलय भईल । दोहरी सदस्यता के मुद्दा पर जनता पार्टी के सरकार १९७० मे जब गिरल त एकर जनसंघ के घटक लोग अलग राष्ट्रिय पार्टी के गठन के फैसला कईलन । अटल विहारी वाजपेयी आ लालकृष्ण अडवानी भारतीय जनता पार्टी के नाम से एकर नीब खोदाइल । एकर जनम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अवधारणा पर भइल ।

कथी ह छाप ?
बिजेपी के चुनाव चिन्ह कमल के फुल ह । कमल के फुल के बिजेपी भारत के सांस्कृतिक परम्परा से जोड के देखेला ।
विजेपी पहिलका चुनाव कवना बेर लडल ?
१९८० मे गठन भइला के बाद पार्टी आम चुनवा १९८४ मे लडल । जवना बेर पार्टी के जम्मा २ गो सीट मे कामयाबी मिलल । माकिर बिजेपी के आधिकारिक वेबसाइट कहेला कि उ चुनाव मे बिजेपी देश मे दुसरका स्थान पर सबसे ज्यादा भोट शेयर मिलल रहे ।

पार्टी कइसे आगे बढी ?
अटल विहारी भाजपेयी के पार्टी के उदारवादी चेहरा मानल जात रहे । १९८४ के चुनाव मे पार्टी के असफलता के बाद आत्मालोचन के लेल एगो कार्यकारी समिति के गठन भइल । जवन आत्मालोचन के मार्फत पार्टी के कमि कमजोरी के ओर ध्यान देवे आ आगे के रणनिती बनावे ।

पार्टी हिन्दुत्व आ हिन्दू कटरवाद का पुरा के पुरा दृढता के साथ पालन करेके फैसला कइलख ।
१९८४ मे लालकृष्ण अडवाणी पार्टी के अध्यक्ष बनावल गइलन । पार्टी विश्व हिन्दू परिषद के संगे मिलके अयोध्या मे राम मन्दिर निर्माण अभियान के शुरुआत कइलख ।
राम मन्दिर आन्दोलन मे भाजपा के लोकप्रियता मे जबरजस्त बढोतरी भइल ।

१९८९ मे उछाल ।
१९८९ के लोकसेभा के चुवाव मे विजेपी के ८५ सिट मिलल । उ नेशनल फ्रंट के विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार के महत्वपुर्ण समर्थन कइलख ।
१९९० टर्निग साल ।

सितम्बर १९९० मे अडवाणी राम मन्दिर आन्दोलन के समर्थन मे अयोध्या के लेल रथ यात्रा के शुरुआत कइलन । यात्रा के कारण होखे वाला दंगा के कारण बिहार सरकार अडवाणी के गिरफतार कर लेलख । माकिर कारसेवक आ संघ परिवार के कार्यकर्ता दोबारा अयोध्या पहुँच गइलन ।

बाबरी मस्जिद के ढाँचे गिरावे के कोशिश मे अर्धसैनिक बलो से उनकर लडाइ भइल । केतना कारसेवक मारल गइलन । ई बिजेपी के लेल टर्निग प्वाईन्ट रहल । एकरा बाद बीजेपी लगातार बडका ताकतवर बनत चल गइल ।

६ दिसम्बर १९९२ बदल देलख भाग्य ।
६ दिसम्बर १९९२ मे राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ आ एकरा से जुडल संगठन के ¥याली अयोध्या पहुँचल । ऐमे हजारन कार्यकर्ता भाग लेले रहे । बाबरी मस्जिद ढाह देवल गइल । देश भर मे सांम्प्रदायिक दंगा भइल । दो हजार से अधिक जनता मारल गइलन । अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी आ उमा भारती समेत के कइयन नेता लोग विध्वंश के बिच उत्तेजक भाषणदेवे के कारण गिरफतार भइल ।
बढत गइल ग्राफ

१९९६ के चुनाव मे विजेपी लोकसभा मे सबसे बडका पार्टी बनके उभरल । राष्ट्रपति सरकार बनावेला बिजेपी के नेवता देलख । माकिर अटल विहारी वाजपेयी तनका ही दिन मे गिर गइल ।

१९९८ मे मध्यवधि चुनाव भइल । जेमे विजेपी के १८२ सिट मिलल । विजेपी अटल विहारी वाजपेयी के अगुवाई मे गठबन्धन के सरकार बनइलख ।

एक साल बाद देश मे फेनुसे मध्यवधि चुनाव भइल । जेमे फेनू १८२ गो सिट विजेपी के मिलल । साथे राष्ट्रिय जनतान्त्रिक गठबन्धन के २९४ गो सिट मिलल । अटल जी तिसरका बेर प्रधानमन्त्री बनलन । पाँच वरिस के कार्यकाल पुरा कइलन ।

२०१४ मे जबरजस्त उछाल भईल
२०१४ बिजेपी के लेल सबसे अहम वरस रहल । गुजरात राज्य के ततकालिन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे विजेपी २८२ सिट पर विजयी प्राप्त कइलख । एतना बडका ताकत एकरा से पहीले कभो ना विजेपी के चुनवा मे मिलल रहे । नरेन्द्र मोदी प्रधानमन्त्री बनलन । विजेपी अकेले ही सरकार बना सकत रहे ।

माकिर उ नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी बनाके कईगो अउर दल सबके मिलाके साथ मे रखलख ।
२०१९ साल मे अउर बडका बहुमत
एक बरीस पहिले २०१९ के लोकसभा चुनाव मे विजेपी सबसे बडका पार्टी बनकर उभरल । पुरा देश मे अकेले ही ३०३ सीट जीतल । बिजेपी केतना राज्य मे क्लिन स्वीप भी कइलख । राज्य सभा मे बिजेपी के ताकत ८३ सदस्य के बा ।

लोकसभा चुनाव मे सीट ।
साल सीट भोट शेयर
१९८४ ०२ ७.७४
१९८९ ८५ ११.३६
१९९१ १२० २०.११
१९९६ १६१ २०.२९
१९९८ १८२ २५.५९
१९९९ १८२ २३.७५
२००४ १३८ २२.१६
२००९ ११६ १८.७०
२०१४ २८२ ३१.३४
२०१९ ३०३ ३७.४६

कवन कवन राज्य मे सरकार ?
फिलहाल १८ राज्य मे विजेपी के सरकार बा । ई राज्य बा । अरुणचल प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा, असम (असम गण परिषद आ बोगोलैंड पीपुल्स प्रंmट के साथे) गोवा (गोवा फाँरवार्ड पार्टी आ महाराष्ट्रवादी गोमन्तक पार्टी के साथ) गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, मणिपुर (नागा पीपुल्स फ्रंट, नेशनल पीपल्स पार्टी आ लोक जनशक्ति पार्टी के संगे) उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश ।

६ राज्य मे अउर दोसर राजनीतिक दल के संगे सत्ता मे भागीदारी बा ?
ई राज्य हउवे–आन्ध्र प्रदेश (तेलुगु देशम पार्टी के संगे), विहार (जनता दल संयुक्त) लोकजनशक्ति पार्टी, राष्ट्रिय लोकसमता पार्टी आ हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संगे), नागालैण्ड (नागा पीपुल्स फ्रन्ट के संगे), सिक्किम (सिक्कीम डेमोक्रेटिक फ्रन्ट के संगे), मेघालय ( नेशनल पीपल्स पार्टी, युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के संगे), आ तमिलनाडु (एआईएडीएमके के संगे) ।

सबसे जादा सदस्य ।
बिजेपी के दावा बा कि उ दुनिया के सबसे जादा सदस्य भइल अकेला पार्टी ह । पार्टी ने अपन ट्वीटर हंडल पर ठोकुवा कइले रहे कि पार्टी का सदस्यता अब करिब १८ करोड बा।
अभी तकके अध्यक्ष ।

१ अटल विहारी वाजपेयी १९८० से १९८६ तक ।
२ लालकृष्ण अडवाणी १९८६ से १९९० तक।
३ डा मुरली मनोहर जोशी १९९० से १९९२ तक ।
४ लालकृष्ण अडवाणी १९९२ से १९९८ तक ।
५ स्व. कुशभाव ठाकरे १९९८ से २००० तक ।
६ स्व. बंगारु लक्ष्मण २००० से २००१ तक ।
७ स्व. के जना कृष्णमुर्ति २००१ से २००२ तक ।
८ एम वेकैंया नायडू २००२ से २००४ तक ।
९ लाल कृष्ण अडवाणी २००४ से २००६ तक ।
१० राजनाथ सिंह २००६ से २००९ तक ।
११ नितिन गडकरी २००९ से २०१३ तक ।
१२ राजनाथ सिंह २०१३ से २०१४ तक ।
१३ अमित शाह २०१४ से अभी तकले ।
१४ जेपी नडडा २० जनवरी २०२० से

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