अख्तियार सम्बन्धी विधेयक रोकेके नेकपा के निर्णय
काठमाण्डु १० असाढ
सत्तारुढ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा) से अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग सम्बन्धी विधेयक तत्काल अगाडि ना बढावे के निर्णय कईले बा ।
बुध के दिने बईठल नेकपा स्थायी कमिटी के बईठक मे प्रवक्ता नारायणकाजी श्रेष्ठ प्रकाश अख्तियार के दोसर सत्ता बनावेवाला किसिम से विधेयक आईल कहत विरोध कईले रहलन ।
अख्तियार के संविधान से देहला से बेसी अधिकार देवेके खोजल आ ई बिहान के दिन मे आत्मघाती होखेके उनकर दाबी रहे ।
“एकरा के संविधान अनुकूल होखेवाला किसिम से सच्याएर मात्र लेजाए के पडि” कहके उ बतवनी ।
जवाफ देवेके समय मे अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड ई विधेयक तत्काल रोकेके निर्णय सुनवले बाडन ।
“उ बईठक के एजेण्डा के रुप मे उठवले रहनी । एजेण्डा फाइनल करेके समय मे अध्यक्ष प्रचण्ड ई विधेयक तत्काल अगाडि ना बढावे के सुनवनी” एक स्थायी कमिटी सदस्य कहले बाडन ।
स्थायी कमिटी के बईठक के बाद अध्यक्ष प्रचण्ड संसदीय दल के उपनेता सुवासचन्द्र नेम्वाङ के बोलाके अख्तियार सम्बन्धी विधेयक रोकेके निर्देशन देहले बाडन ।
सरकार से लियावल विधेयक के विधायन समिति से संशोधन सहित मंगर के दिने मात्र राष्ट्रिय सभा मे पेश भईल बा ।
विधायन समिति निजी क्षेत्र के अनियमिता देखेके अधिकार अख्तियार के देवे सकेवाला किसिम से विधेयक के अन्तिम रुप देहले बाडन ।
“सार्वजनिक सेवा प्रवाह करेवाला पब्लिक लिमिटेड कम्पनी” के सार्वजनिक संस्था के परिभाषा मे राखल बा ।
बैंक तथा वित्तीय संस्था भा मेडिकल कलेजसब के सरकार राजपत्र मे सूचना प्रकाशित करके सार्वजनिक संस्था के परिभाषा करके अख्तियार के क्षेत्राधिकार मे पठावल जा सकता ।
अईसन व्यवस्था करके सरकार संवैधानिक आयोग के अधिकार आपन हाथ मे लेवेके खोजल कानुन के जानकारलोग बतवले रहलन ।