पर्सा मे एक महिना मे जन्मसिद्ध नागरिक के २५ सय से बेसी सन्तान लेहलें बंशज के नागरिकता

वीरगंज ०८ सावन

नयाँ नागरिकता ऐन मुताविक जिल्ला प्रशासन कार्यालय पर्सा से एक महिना मे जन्मसिद्ध नागरिक के २ हजार ५८१ जने सन्तान बंशज के नागरिकता लेहले बाडन । नेपाल नागरिकता (पहिलका संशोधन) ऐन २०७९ लागु भईला के बाद जिल्ला प्रशासन कार्यालय पर्सा बितल असार ८ गते से जन्मसिद्ध नागरिक के सन्तान के बंशज के नागरिकता देवेके प्रक्रिया सुरु कईले बा ।

असाढ ८ से प्रक्रिया सुरु करके असाढ १० गते से नागरिकता वितरण सुरु कईला मे सावन ७ गते एतवार तक २ हजार ५८१ जने बंशज के नागरिकता लेहल पर्सा के सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी भीमकान्त पौडेल जानकारी करवनी । उ मेसे पुरुष १ हजार ९६७ आ जनानी ६ सय १४ जने रहल पौडेल बतवनी ।

एहितरे ई एक महिना के समय मे नयाँ नागरिकता ऐन मुताविक बंशज के नागरिकता लेवे खातिर जिल्ला प्रशासन कार्यालय मे ७ हजार ७८२ जने आवेदन देहल नागरिकता वितरण फाँट के अधिकृत विनय श्रीवास्तव जानकारी देहनी । आवेदन देहल मेसे एतवार तक नयाँ नागरिकता ऐन मुताविक २ हजार ५८१ जने के बंशज के नागरिताका वितरण कईल श्रीवास्तव बतवनी । उनका मुताविक, सेवाग्राही के बढल भिढ के मध्यनजर करके जिल्ला प्रशासन कार्यालय पर्सा नयाँ नागरिकता ऐन मुताविक के नागरिकता वितरण सुरु से हि अनलाइन टोकन प्रणाली से कर रहल बा ।

सेवाग्राहीलोग के कार्यालय मे आके लाइन लाग के पालहा मे बईठेके झन्झट ना होखो आ सास्ती तथा हैरानी सहेके ना पडो कहे खातिर अनलाइन टोकन प्रणाली से सेवा देहल गईल श्रीवास्तव बतवनी । ई एक महिना के समय मे फर्जि कागजात के आधार मे जन्म के आधार मे नागरिकता लेके बेटा के बंशज नागरिकता बनावे आईल दु जने पकडाईल भी श्रीवास्तव जानकारी देहनी ।

जिल्ला प्रशासन कार्यालय पर्सा मे झुठा विवरण पेस करके २०६३ साल मे जन्म के आधार मे नेपाली नागरिकता लेके बेटा समेत के वंशज नागरिकता बनावेके खोजल वीरगंज महानगरपालिका वार्ड नम्बर १३ मे रहत आईल दिनेश पटवा आ उनकर मेहरारु रितादेवी पटवा के बितल असार २४ गते नियन्त्रण मे लेके पुलीस के जिम्मा लगावल गईल उ बतवनी ।

श्रीवास्तव के मुताविक, पर्सा जिल्ला मे २०६३ साल मे खटल नागरिकता टोली से जन्म के आधार मे करिब १५ हजार ३०० सय से बेसी नागरिकता लेहले रहलन । अभी उलोग के बेटाबेटी १७÷१८ हजार से बेसी भईल आ उहे संख्या मे उलोग के बंशज के नागरिकता वितरण होखेके अनुमान कईल भी उ बतवनी ।

लम्हर समय से अडकल नागरिकता विधेयक राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल से प्रमाणीकरण होके राजपत्र मे प्रकाशित भईला पर भी बितल जेठ १६ गते सर्वोच्च अदालत मे रिट परल रहे । रिट परला के बाद सर्वोच्च अन्तरिम आदेश कईले रहे । ओकरा बाद असाढ ७ मे भईल अन्तिम सुनुवाई मे अन्तरिम आदेश खारेज भईला के बाद जन्मसिद्ध नागरिक के सन्तान के नागरिकता वितरण करेके रास्ता खुलल बा । उल्था अन्नपूर्ण

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