सर्पदंश उपचार केन्द्र स्थापना मे भ्रष्टाचार, मधेश के तत्कालीन मन्त्री सहित ५ जने दोषी ठहर
सर्पदंश उपचार केन्द्र स्थापना मे भ्रष्टाचार, मधेश के तत्कालीन मन्त्री सहित ५ जने दोषी ठहर
काठमाण्डु ११ असाढ
सर्पदंश उपचार केन्द्र स्थापनार्थ राज्य के ढुकुटी से रोपेया खर्च होखेवाला किसिम से पूर्वप्रधानमन्त्री तथा नेकपा एकीकृत समाजवादी के नेता झलनाथ खनाल के नाम मे खोलल प्रतिष्ठान के बजेट हिनामिना कईल अभियोग मे मधेश सरकार के तत्कालीन मन्त्री विजय कुमार सहित ५ जने दोषी ठहर भईल बाडन ।
मंगर के दिने विशेष अदालत के अध्यक्ष टेकनारायण कुँवर तथा सदस्यद्वय तेजनारायण सिंह राई आ मुरारीबाबु श्रेष्ठ के इजलास से पूर्वमन्त्री कुमार सहित ५ जने के दोषी ठहर कईले बा । दोषी ठहरावललोग मे प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रेवतीप्रसाद पन्त, महासचिव नवराज भण्डारी, कोषाध्यक्ष नीरज भण्डारी आ सदस्य देवेन्द्र राय बाडन । लालबन्दी नगरपालिका के तत्कालीन प्रमुख मानबहादुर खड्का आ मधेश सरकार के तत्कालीन सचिव प्रेमकुमार श्रेष्ठ के सफाइ मिलल बा ।
तत्कालीन मन्त्री विजय कुमार के मुख्य प्रतिवादी के रूप मे दोषी ठहर कईल बा । पन्त, नवराज भण्डारी, निरज भण्डारी आ राय के मतियार के रूप मे दोषी ठहर कईल विशेष अदालत जनवले बा । अदालत सभी प्रतिवादीलोग के दोषी ठहर कईला पर भी सजाय निर्धारण के खातिर असाढ २५ गते के खातिर पेशी तोकले बा । २०८० कुवार २१ मे अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग से प्रतिष्ठान मे भ्रष्टाचार भईल अभियोग सहित ७ जने विरुद्ध विशेष अदालत मे मुद्दा दायर कईले रहे ।
झलनाथ खनाल प्रतिष्ठान मे १८ करोड भ्रष्टाचार
नेपाल सरकार आ मधेश प्रदेश के बजेट से आर्थिक दायित्व बेहोरेवाला किसिम से केन्द्र स्थापनार्थ झलनाथ खनाल स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान (अभी राष्ट्रिय स्वास्थ्य विज्ञान तथा अनुसन्धान परिषद्) के खातिर विनियोजित १७ करोड ९८ लाख ३३ हजार रोपेया हिनामिना कईल कसुर मे अख्तियार दुरुपयोग अनुसन्धान आयोग से तत्कालीन मन्त्री, सचिव तथा प्रतिष्ठान के ४ पदाधिकारी विरुद्ध मुद्दा दायर कईले रहे । विशेष अदालत के प्रवक्ता धनबहादुर कार्की अख्तियार से दायर कईल अभियोग मे उल्लेखित बिगो हि कायम होखेवाला किसिम से फैसला भईल आ आवेवाला पेशी के दिन बाँकी सजाय निर्धारण होखेके बतवनी ।
उलोग विरुद्ध सर्त आ सम्झौता मुताविक काम हि ना करके सरकारी सम्पत्ति हानिनोक्सानी कईल अभियोग लगावल गईल बा । आर्थिक दायित्व शून्य रहल गैरसरकारी संस्था के राज्य के ढुकुटी से होखेवाला खर्च के सभी अधिकार रकम हिनामिना करेके नियत से हि देहल गईल अख्तियार के अभियोगपत्र मे उल्लेख बा ।
साँप पोसेके नाममे बिना नेव निकलले १९ करोड खर्च
समपूरक अनुदान रकम साँप के जहर संकलन, प्रशोधन, उत्पादन केन्द्र स्थापना के खातिर भौतिक संरचना निर्माण के खातिर प्रचलित कानुन मुताविक लेखा उत्तरदायी अधिकृत से कार्यान्वयन करेवाला किसिम से अख्तियारी प्रदान भईल अवस्था मे खुद के ना भईल अधिकार प्रयोग करके कानुनविपरीत लागत साझेदारी शून्य रहल गैरसरकारी संस्था के सरकारी रकम उपलब्ध कराके उहे संस्था से कार्जक्रम कार्यान्वयन आ खर्च के लेखांकन करके बदनियतपूर्वक सरकारी रकम निकासा देहल अभियोग बा ।
उ संस्था से पहिलका चरण के सभी रोपेया खर्च भइला पर भी योजना के उद्देश्य प्राप्ति ओरी शून्य प्रगति होके आउर स्वीकृत ना भईल विषय मे सरकारी रकम खर्च करके कराके १७ करोड ९८ लाख ३३ हजार रोपेया हानिनोक्सानी कईला मे ओतना हि रोपेया बिगो कायम करके मन्त्री आ नगर प्रमुख के सजाय करे खातिर अख्तियार मागदाबी कईले रहे ।
२०७१ अगहन १९ मे कम्पनी रजिस्ट्रार कार्यालय मे आ माघ २३ मे समाज कल्याण परिषद मे उ प्रतिष्ठान दर्ता भईल देखल गईल बा । २०७० के संविधानसभा निर्वाचन मे सर्लाही से चुनाव उठल खनाल ओकरा बाद सर्पदंश उपचार केन्द्र स्थापना करेके कहत आपन नाम मे प्रतिष्ठान खोलेके कहले रहलन ।
इहे प्रतिष्ठान मार्फत सर्पदंश उपचार केन्द्र स्थापना करेके आवरण मे सरकारी ढुकुटी से खर्च होखेवाला किसिम से मधेश सरकार, लालबन्दी नगरपालिका आ प्रतिष्ठान बीच ७२ करोड रोपेया के आयोजना मे सञ्चालन करेके समझदारी भईल रहे । ओकर पहिलका चरण के काम मे विनियोजित करिब १८ करोड रोपेया हिनामिना भईल अनुसन्धान से पुष्टि भईल अख्तियार के दाबी बा ।