रौतहट काण्ड
रौतहट मे बिचित्र किसिम के घटना घटल बा । बास्तव मे इ घटना खाली रौतहट के खतिरा नइखे पुरा नेपाल लगायत सँसार भर मे चकित बनाचुकल बाटे ।
देश के जवन मान समान रहे जवन एक धिरे धिरे सपना के महल बनरहल बाटे । नेपाल के पत्रकार सभन एगो जनजिर के घेरा मे घेराइल जइसन महशुस कर रहल बाटे । अभि का होसकता देश मे ओकर कवनो प्रत्याभुति नइखे । ना कवनो ओकर सिमा बा । जे कर्मचारी देश के शान बा, नेपाल माई के कोख के बच्चावे बाला हि बैमान होजाइ तब उ माइ के का हालत होइ ।
देश के राष्ट्रभक्त हि सर्वसधारण जनता सभन के बिभन्न प्रकार के झुटा आरोप लगाके बिभिन्न प्रकारके यातना देहला पर कइसन देश के अवस्था रही । सन्दर्भ नेपाल प्रहरी के कइल जता । नेपाल प्रहरी नेपाल राष्ट्र के एगो सान बा । देश के धरोहर बा । देश मे कवनो प्रकार के सँकट आइला पर ओके समधान करे खतिरा अहो रात खट के देश के सँकट से दुर राखे खतिरा कवनो कसर बाकि ना राखेला ।
माकिर रौतहट के घटना से कुछ दोसरा प्रकार के अवान्छनिय, अबिश्वासी घटना लागरहल बा । इ घटना से पुरा देश के प्रशाासन के उपर प्रश्न उठरहल बा । बिभन्नि प्रकार के घटना घटरहल बा देश मे इ सब घटना सुरक्षाकर्मी के मार्फत होरहल बा कह के आम जनता सभन के बुझाइ बा । जे देश के जनता के सुरक्षा देवेबाला हि सभन रक्षक सभन भकक्षक हो जाइ त देश के सुरक्षा के दि । देश के आउर कार्य कवन कर सकता । इ एगो अपने आप मे सर्म के बात बा । पुरा प्रहरी सँगठन के बदनाम करे बाला अइसन सुरक्षाकर्मी उपर कवन भरोसा करी ।
एक दू जने प्रहरी से लेके एसपी, डिएसपी तक के ब्यक्ति सभन पुरा प्रहरी सँगठन के बदनाम कर चुकल बा । पुरा देश के बदनाम कर रहल बा । बिश्व के सामने शिर निहुरावे बाला काम कइला से आउर जनता सभन के त्रास के बिषय बनचुकल बा । देश मे इ बिषय लेके बहुत प्रकार के समस्या से लेके प्रशासन के उपर दबाव आरहल बा । जनता सभन के दिन रात चिन्ता के बिषय बन चुकल बा । प्रहरी के उपर बिभिन्न प्रकार के आरोप प्रत्यारोप लगाइला पर कवनो भरोसा नइखे कह के आम जनता सभन के बुझाइ बाटे । देश मे जे उपर पुरा देश के जनता सभन एक अभिभावक रुपम मे राखल गइल ।
उहे सभन गुण्डा के रुपमे मैदान मे उतर के सधारण पत्रकार के उपर झुटा मुदा मे फँसा के जेल मे कोचे के योजना बनालवल कहाँ तक सही बाटे अब जनता सभन बहुत बनिया से मुल्याङकन कर रहल बा । प्रहरी हमर साथि जइसन बहुत अच्छा अच्छा नाम राख के जनता के मन मस्तिक मे स्थान बनावे खतिरा हरेक प्रकार के नाम देके प्रचार बिगत के दिन मे भा आजु के दिन मे भि कररहल बा ।
एगो निर्दोश जनता के करिया करतुत जइसन कार्य नेपाल प्रहरी कइल शर्म के बात बा । एगो सधारण पत्रकार के दुसर पत्रकार सँजय सहनी के लोभ मे परके जिल्ला के प्रमुख प्रहरी सभन भि इ घटना मे सँलग्न रह के पत्रकार मोमहबद मोजिमुलाह के फँसावे मे केतना दुरी से आइल योजना के छान बिन कइल जरुरी बाटे । जनता जनारधन के समपति के सुरक्षा करे चाही अहोरात खट के जनता सभन के चैन से सुते खतिरा सम्पूर्ण जनता सभन अपन दिन रात के पसिना के कमाइ से सरकार के टैक्स भर के नेपाल प्रहरी सभन के परिश्रमिक देके पोसल गइल बाटे ।
लेकिन पोसल गइल सुरक्षा करे खातिरा उ सुरक्षा उल्टे सर्वसधारण जनता सभन के उपर बिभिन्न प्रकार के केन्सर के सिकाइत देखा के जनता के उपर दुःख देहल केतना तक ठिक बा कह के जनता सभन अपना अदालत मे एक गम्भिरता पूर्बक इ तुच्छ कार्य के छलफल कर रहल बाटे । देश के मान सामान मे एक रति भर मे कवनो किसिम के सिकइत ना होखो कह के लागभिरल बा लोग । देश के मर्यादा के बचावे खतिरा आउर ब्यापक रुपमे कुछ भर भलादमी से लेके राजयनीतिज्ञ सभन नयाँ अनुहार राख के अइसन घटना के जरे से हटावे के कोशिस मे लाग चुकल बाटे ।
हरेक कदम कदम पर जनता सभन के सुरक्षा के प्रत्याभुति दिलावे खतिरा कुछ इमन्दार सुरक्षा कर्मी सभन के देश मे अवश्यकता बाटे । इमन्दार सुरक्षाकर्मी देश मे जबतक भर्ती ना होइ तब तक देश मे आउर आतँक मचे के सम्भावना बढे के देखाइ देरहल बाटे । देश मे अपराध दिन पर दिन बढते जारहल बाटे । ओके निराकरण करे के बदले आउर बढल जारहल बा । इ कवना के दोस बा ? इहा भि गम्भिर सवाल उठरहल बा काहे ? कवन बजह से अइसन क्रियाकलाप होरहल बा ? एकर जिमेबारी के लेसकता ? जनता के सुरक्षाकर्मी भा बिदेशी लि ? अभि एकर ठोस निर्णय कइल एकदम जरुरी देखाइ देरहल बाटे । देश के दयनिय अवस्था बनचुकल बाटे । देश मे बिभिन्न किसिम के समस्या से सुलझावे खतिरा उपाय खोजे चाही । साथे हामनी के देश पर दोसर बिदेशी दलाल सभन हमनी के देश के उपर अन्याय भा कुटारापात करे के योजना बा कि ओ उपर छानबिन कर के चाही माकिर उल्टे सर्वसधारण पत्रकार के उपर खुद के खुरक्षाकर्मी होके एगो बडका योजना बना के फसावेबाला हद से जादे निच कार्य करके नेपाल प्रहरी के सान उपर दाग लागवल इ एगो अपने आप मे घृणित कार्य बा । देश के चौतर्फी रुपसे सुराक्षा देवे के बदले जनता के उपर ग्रैण्ड योजना बनावल बडा सोचनिय बात बाटे । नेपाल प्रहरी कुछ सुरक्षाकर्मी बाटे जे हरेक जिल्ला मे कुछ जनता के तर्फ से माया के चिन्ह कहल जाए भा पुरष्कृत होखेला । देश के बुलन्द करेला । देश के शिर के उच करे मे हर हमेशा तत्पर रहेला, देश के जनता के धन समपत्ति के रेख देख करे मे आउर देश के जनता के कवनो भि किसिम के कार्य चोट न पहुचो कह के तईयार रहेला ।
अपन जान देवे खतिरा तयार रहेला । जनता के उपर कवनो किसिम के आँच ना आवो कह के कदम कदम पर सुरक्षा देवे मे तयार रहेला । देश मे हरा भरा लेवाके के सोच मे हर हमेशा डुब्ल रहेला । वास्तव मे प्रहरी ही देश भार उठावेबाला बिचला खम्बा जइसन बाटे । नेपाल प्रहरी तत्ष्ट रही त हामनी के देश भि ओइसही रही । आम जनता सभन अपना धन सम्पति के चिन्ता मे ना डुब्के अमन चैन के अहशास लिइ लोग । एक दम साँझ बिहनीया अपन काम करे खतिरा एक दम निर्भक होके जा सकता आसकता । देश के हरेक कुना कप्चा मे जा सकता । लेकिन नेपाल प्रहरी के कुछ बैइमान सभन जनता के झुटा मुदा मे फसा के जनता के धन समपति से लेके जान मारे तक पहुचला पर देश मे कवन परिस्थिती उत्पन्न होके त एके कोइ भि ना बता सकता । देश कवना अवस्था मे जाइ कह के ? हर हमेश जनता के चिन्ता बनले रही ।
जब भि जनता सभन नेपाल प्रहरी के इ कला करतुत देख के जनता सभन के बिश्वास प्रहरी के उपर से उठजाई या प्रहरी उपर जनता सभन न निमन ब्यवहार कइला पर एगो पूरा प्रहरी सँगटन के बदनाम होई । जनता आउर सुरक्षाकर्मी के बिच भि मुटभेड के स्थितिमे आसकता । देश मे खलबली मच जाई । देश मे बिद्रोह के घण्टी भि बजसक्ता । नेपाल प्रहरी जवन किसिम के झुटा आरोप लगइला पर का फायदा मिलल बा ? प्रहरी आतँक मचइला पर ठिक रही का ? एगो अच्छा सामाचर लेखला के बजह से कवनो के जिवन से खेलवाड कइल कवन सबिधान मे लिखल बा ? का पत्रकार सभन अपन कलम बन्द कर के राखो ? हात मे चुरी पेन्ह के राखो । इ बडा शर्म के बात बा ।
प्रहरी कुछ भि करी जनता सभन के बोलेके अधिकार नइखे सँबिधान उल्लेख कइले का ? जनता के बोलेके अधिकार नइखे का ? जनता सभन देश मे स्तन्त्र रुपसे घुमेके अधिकार नइखे सँबिधान देले का ? बहुत सवाल उठरहल बा । नेपाल के इतिहास मे पहिली बार अइसन घटना घटला पर पुरा देश भर के जनता लगायत प्रशाासन मे भि खैला बैला मचचुकल बा । इ घटना रौतहट मे एक इतिहासिक घटना जइसन बन चुकल बा । आम जनता सभन रौतहट के पुलिस के देखते मातर कुछ कुदृष्टी नजर से देख रहल बा । जवन काम दोसरा से होखेला उ काम प्रहरी लोग खुद के कइला से आउर खल्लबली मच रहल बा ।
आइसन कार्य कइला पर देश के भबिष्य कवना रास्ता मे जाई कह के अभि से कुछ बिद्धावन सभन अडकल कररहल बाटे । देश के अनुमति हथिहार धारी सभन के इ रवइया से देश मे बडका दुर्घटना होखेके समभवना बड सकता कह के अपन अपन बात राख रहल बाटे । जे जे ई घटना मे सँलगन रहल नेपाल प्रहरी होखे भा पत्रकार काहे ना होखे ओ सभन के हद से जादे करबाही कइल एक दम जरुरी बाटे । साथे ओ ब्यतिm उपर बिभिन्न प्रकार के सुबिधा से नेपाल सरकार बञ्चित करो कह के आम सर्बसधारण जनता सभन के जोडदार माग भि कइल जाता । जनता जनाद्र्धन सभन भि कुछ हद तक इ घटना से निराश बाटे । खास कर आम किसान सभन बाटे ।
जब किसान सभन अपन खेत मे खाद छिटे खतिरा छिमेकी भारत से पाँच दश किलो लियाइला पर नेपाल प्रहरी सभन बहुत अइसन यातना देके पईसा अशुली करेला लोग । जे पईसा ना देहला पर बन्दुक तेरसा कुछ बडका जँग जितल जइसन बारमबार मिडिया पर आरहल हरेक ब्यक्ति के मालुम बा । एसे अस्पष्ट होता कि रौतहट काण्ड हि ओइसही भइल बा । इ घटना सामाचार लेखला के कारण से हि भइल बा । निचे से लेके बडका तक जवान सभन न अच्छा हर्कत कइल प्रत्यक्ष फुटेज मे देखारहल बा । वास्तव मे जदि सिसि केमेरा के सहजोग ना मिलला पर उ पत्रकार सभन के गोधन कुटइबे करइत ओकरा साथे जेल मे लागु औषधी आरोप दश बरीस भा बीस बरीस काहे ना होखो ओकरा जेल के चकी मे बेलना चलावही के परइत ।
दुसर पत्रकार बा जे अपना के पत्रकार बानी कह के साबित करे चाहरहल बा उ पत्रकार राष्ट्रघाती काम कइला से बिहान के भेला देश के उपर बडा समस्या के साथे देश के गुमराह मे राख सकता । एसे पुरा प्रशाासन सभन के साथे आम जनता सभन भि होसियार रहल एक दम जरुरी आजु के दिन मे देखाइ देरहल बाटे । अइसन अइसन पत्रकार सभन आम जनता सभन के दुःख के उजागर न करके उल्टे जनता के समस्या के गुमराह मे राखेबाला के सामाजिक बहिष्कार करल एक दम जरुरी बा । साथे दोसि ठहरला पर हद से जादे कारवाही कइल जरुरी बाटे । भबिष्य मे आजु के दिन देखे के न परे । रौतहट काण्ड सधारण काण्ड नइखे इ एगो राष्ट्रिय समस्या के रुपमे देखाइ दे रहल बाटे । अइसन घटना मे कवनो राजनितिक चलखेल न करके सत्यतथ्य पता कर के कानुनी के कटघेरा मे लियाके जनता के सामने फर्दाफास कइल मे भलो रही । देश के मान मर्यादा बाचल रही । जनता सभन भि चिनता मुतm ही रही ।
जनता सभन अपन कार्य करे मे कवनो सँका ना मान के काम मे ब्यसत रही । वास्तव मे अब आइसन घटना न दोहरो कह के नेपाल सरकार एक कडा कानुन लेयावल एक दम जरुरी बाटे । देश के चुस्त दुरुसत रखे खतिरा नयाँ इमन्दार प्रहरी जवान सभन के देश मे अश्यकता बाटे । देश के मुह बदले खतिरा खुद के तत्टस्थ रह के सोचनिय, फल्दायी कार्य के ओर दौडल हि ठिक रही । अपना मातृभुमी के सँरक्षण करे खतिरा हरेक तरह के कार्य गोष्ठी कर के जनता के समझावे के चाही, जनता मे राष्ट्रभतिm के चेतना लेवा के चाही । हरेक जनता के खुन के बुन्द बुन्द मे राष्ट्रभक्ति के सपना देखे के चाही ।
सही गलत कवन बा कवन नइखे ओकरा बारे जनता के माझ मे जा के पशिक्षण देवे के चाही देश के बारे दु चार शब्द कहे खतिरा लगावे चाही लेकिन इ सब कार्य न कर के भ्रष्टचार के लिप्त मे रहला पर अइसन घटना बरमबार घटबे करी । ओही से जवन रौतहट काण्ड भइल बा फिर से न होखो कह के आम जनता सभन प्रहरी प्रशासन के पाठ सिकावल जाता । देश हमनी स्वच्छ रहो, भ्रष्ट मुक्त रहो । देश मे हरहमेशा शान्ति रहो । देश के जनता सभन स्वतन्त्र रुपसे काम करो । अमन चयन से हरेक नागरीक जिये के बातावरण मिलो । – चिउँटाहा, बारा